*शेर जंगल का राजा*
शेर बढ़ा ही ताकतवर होता ।
जंगल का है वो राजा कहलाता।।
जब निकले घूमने इधर-उधर ।।
सब हो जाते जानवर उथल-पुथल ।।
सुन्दरता सुडौल शरीर उसका बेहद सुहाता ।
दहाड लगाकर सबको ऐंठ दिखाता ।।
बच्चो का मन ये देख बहुत घबराता।।
शेर बचाओ शेर बचाओ ।
ये सब मिलकर नारा लगाओ ।।
अपने जंगलो की शान बड़औ।।
नोट : - *प्राथमिक कक्षा के लिये उप्युक्य कविता*
कृपया प्रस्तुत कविता को प्राथमिक कक्षा के लिये प्रिंट करने की लिय्र कमेंट बॉक्स मै कमेंट करे ।- (हाँ या ना)
धन्यवाद
Geetank Kishwan 3rd C
Published by बिदेस्वरी उनियाल
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